PM-CARES की अनोखी सच्चाई

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पीएम रिलीफ फंड की अनोखी सच्चाई

पूरा विश्व कोरोना वायरस के महामारी से जूझ रहा है। भारत भी इस महामारी से बचने के लिए कई उपाय किए हैं।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से PM-CARES में दान देने की भी अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब PM-CARES की बात की है तो अब इसको लेकर चर्चा यह है कि आखिर इस PM-CARES की क्या आवश्यकता है

 जबकि पहले से ही प्रधानमंत्री राहत कोष है। लोग प्रधानमंत्री राहत कोष में क्यों ना दान करें?

PM-CARES में क्यों दान करें? 

PM-CARES बारे में एक ऐसी अनोखी और खौफनाक सच्चाई पता चली है , जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे ।

समाचार वेबसाइट प्रभासाक्षी अपनी रिपोर्ट में इस बारे में विस्तार से बताया है ।

दरअसल प्रधानमंत्री राहत कोष की स्थापना जवाहरलाल नेहरू ने की थी और इसके क्लाज में एक प्रावधान डाल दिया गया था कि इसके जो कमेटी मेंबर होंगे उन सभी की सहमति और दस्तखत से ही इस फंड का उपयोग किया जा सकेगा।

साथ ही आश्चर्यजनक रूपसे नेहरू ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को भी प्रधानमंत्री राहत कोष में एक कमेटी मेंबर के तौर पर डाल दिया।

प्रधानमंत्री राहत कोष के कमेटी मेंबर कौन कौन है


  1. प्रधान मंत्री
  2. भारत की राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष।
  3. उप प्रधान मंत्री।
  4. वित्त मंत्री।
  5. टाटा ट्रस्टीज़ का एक प्रतिनिधि।
  6. फिक्की द्वारा चुने जाने वाले उद्योग और वाणिज्य का प्रतिनिधि।


अब सोचिए जब यह एक सरकारी फंड है तब किसी भी राजनीतिक पार्टी का अध्यक्ष उस फंड का ट्रस्टी क्यों बनाया गया ? और आज भी बिना सोनिया गांधी के दस्तखत से या उनकी सहमति से प्रधानमंत्री राहत कोष में से मोदी पैसे खर्च नहीं कर सकते।

 ये कितनी खौफनाक सच्चाई है कि इस प्रधानमंत्री राहत कोष में केवल एक विशेष राजनीतिक पार्टी का अध्यक्ष ही मेम्बर होगा । साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से वही इसे संचालित करेगा ।

इसीलिए मोदी ने इस फंड को कांग्रेस अध्यक्ष यानी सोनिया गांधी के चंगुल से हटाने के लिए एक नया फंड बनाया जिसका नाम रखा "पीएम केयर फंड " और इस नए फंड में जितने भी ट्रस्टी हैं वह सभी सरकारी लोग हैं।

कोई भी राजनीतिक पार्टी का अध्यक्ष या सदस्य इसमें शामिल नहीं है। पीएम केयर के जो ट्रस्टी  हैं उसमें एक प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और गृह  मंत्री है  और आने वाले वक्त में भले ही सरकार बदल जाए तो भी उस वक्त की सरकार बिना किसी राजनीतिक दखलंदाजी के इस फंड का उपयोग कर सकेगी ।

व्यक्तिगत रूप से आप भले ही कितने ही मोदी विरोधी हों लेकिन आपको मानना पड़ेगा कि जब देश हित की बात आती है तो मोदी जी पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर कार्य करते हैं । वरना वे चाहते तो भाजपा अध्यक्ष को इसका मेम्बर बना सकते थे लेकिन उन्होंने यह नही किया ।

मोदी जी एक ही तो दिल है , उसे कितनी बार लूटोगे । जय जय

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