जुदाई शायरी | shayari on judai

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जुदाई शायरी | shayari on judai

तुमने कभी देखी ही नही मेरी फ़ूलों जैसी वफ़ा हम जिस पर खिलते हैं उसी पर मुरझा जाते है.....


🥺 पगली 🥺 काश तुम भी हो जाओ तुम्हारी यादों की तरह ना वक़्त देखो,ना बहाना,बस चले आओ.....

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इस मतलबी दुनिया में यू खो जाओ उठो मतलब की बात करो और सो जाओ........


किस हक़ से मांगू अपने हिस्से का वक्त तुमसे क्यूंकि ना ये मेरा है और ना ही तुम मेरे हो......


दर्द बेचते है हम यहां लफ़्ज़ों में ढालकर, अगर चोट पहुँचे तो गुस्ताखी माफ़ कीजिये.......

जुदाई शायरी


माना इतने बेहतरीन नहीं है हम लेकिन , बात बात पर रंग बदले, इतने रंगीन भी नहीं है हम.......


सुनो जाना जिसे हम चाहे वो मामूली नहीं हों सकती पा लिया है दिल ने उसे अब वो खो नहीं सकती.......


मुद्दतों बाद आज फिर आंख नम हुई जाने किस हाल में होगा मुझसे रूठने वाला.......

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इस कश्मकश में सारा दिन गुज़र जाता हे ...? की उससे बात करू या उसकी बात करू.......


अब उदास होना भी अच्छा लगता है, किसी का पास न होना भी अच्छा लगता है, मैं दूर रह कर भी किसी की यादों में हूँ, ये एहसास होना भी अच्छा लगता है........


क्या कहूँ तुझे... ख्वाब कहूँ तो टूट जायेगा दिल कहूँ, तो बिखर जायेगा आ तेरा नाम ज़िन्दगी रख दूँ मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा......


सोचा था नहीं करेंगे अब पोस्ट और शायरियां लेकिन उनको ऑनलाइन देखा तो अल्फाज बगावत कर बैठे.....


सवाल जहर का नहीं था, वो तो मैं पी गया तकलीफ़ लोगों को तब हुई, जब मै फिर भी जी गया.....


"मुझे खामोश देखकर इतना हैरान क्यूँ होते हो कुछ नहीं हुआ है बस भरोसा करके धोखा खाया है.......


ए मोहब्बत, तुझे पाने की कोई राह नहीं तू तो उसे ही मिलेगी, जिसे तेरी परवाह नहीं…....

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वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए! वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए! कभी तो समझो मेरी खामोशी को! वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जाये........


तेरी याद ने मेरा बुरा हाल कर दिया.. तन्हा मेरा जीना मुहाल कर दिया सोचा जो अब तुम्हे याद न करुँ. तो दिल ने धडकने से इन्कार कर दिया........


ना जाने कैसे प्यार हो गया पर अब तुमसे बेशुमार हो गया अब तो मेरा दिल मेरा ना रहा मुझ छोड़ कर तुम पर निसार हो गया.......


बहुत खूबसूरत है तुम्हारी मुस्कराहट.. पर तुम मुस्कुराती कम हो सोचता हूँ देखता ही रहू तुम्हे पर तुम नज़र आती ही कम हो......


काश कोई मिले इस तरह की फिर जुद़ा ना हो जो समझे मेरे मिजाज़ को और कभी मुझसे खफ़ा ना हो .......


ना वो मिलता है, ना मैं रुकती हूँ... पता नहीं रास्ता गलत है या मंजिल......


मेरी उम्मीद की उम्मीदों को भी उम्मीद ये है की तुम लौट आओगे एक दिन........


ज़िन्दगी मे कभी प्यार करने का मन हो तो अपने दुःख से प्यार करना क्योंकि दुनिया का दस्तूर है जिसे जितना चाहोगे उसे उतना दूर पाओगे........


मैं चाहती हूं आपको, इसमें कोई शक नहीं कैसे कह दूं मै, मझे आपसे इश्क़ नही......


वक़्त चलता है चलता रहेगा इस दिल में आप हो और आप ही रहोगे..........


मेरे किरदार से वाकिफ होने की कोशिश मत कर उसे समझने में दिल लगेगा और तुम दिमाग वाले हो......


झुका कर सर खड़ी थी मेरे सामने लेकर हाथों में गुलाब उफ्फ्फ__ आँखे खुली तो पता चला सपने में आयी थी__साहिबा........

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सालों से सिलसिला यूँ ही अजीब हुआ ना बात हुई तुमसे ना नम्बर डीलीट हुआ ........


में किसी गैर से क्या कहूँ मुझे तोह अपनो ने ही दगा दिया, में जिसे अपना समझी उस सब ने मुझे धोखा दिया..........


नज़रों को, तेरी मोहब्बत से इंकार नहीं है और अब मुझे किसी का इंतज़ार नहीं है खामोश अगर हूँ मैं तो ये अंदाज़ है मेरा मगर तुम ये न समझना कि मुझे प्यार नहीं है. ......


मुझे भी सीखा दो ये भूल जाने का हुनर. नहीं रोया जाता रातो को उठ उठ कर।।

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