तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो, मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा।
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की की थी।
चाह कर भी मुंह फेर नहीं पा रहे हो
नफरत करते हो या इश्क़ निभा रहे हो
नफरत शायरी
उसे प्यार का एहसास दिलाने के लिए
मेरा सब कुछ खो गया पर नफरत तो सिर्फ
दिखाई थी न जाने ब्रेकअप कैसे हो गया
कर देना माफ़ अगर दुखाया
हो दिल तुम्हारा
क्या पता कल मिले ही नहीं
यार तुम्हारा !!
चलो थोड़ा सुकून से जिया जाये
जो दिल दुखाते है उनसे थोड़ा
दूर रहा जाये !!
shayari on nafrat
मैं काबिले नफरत हूँ, तो छोड़ दे मुझको। तू मुझसे यूँ दिखावे की मोहब्बत न किया कर।
कुछ दगाबाज़ी हम भी तेरे ऐतबार से करेंगे। तुझसे नफ़रत भी जालिम ज़रा प्यार से_करेंगे।
nafrat shayari in hindi
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था
nafrat shayari
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।
तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,
जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,