
ये कविता उन कोंग्रेसी चमचों के लिए है जो हर बात पर मोदी सरकार की बुराई करते रहते है
चमचागिरी पर हास्य कविता
वो अयोध्या न जाए तो तकलीफ
वो अयोध्या जाए तो तकलीफ
इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ
वो 370 ना हटाए तो तकलीफ
वो 370 हटा दे तो तकलीफ़
वो लॉक डाउन करे तो तकलीफ
वो अनलॉक करे तो तकलीफ
इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ़
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चमचों पर हास्य कविता
वो सूटबूट पहने तो तकलीफ
वो गेरुआ वस्त्र पहने तो तकलीफ
वो रौबदार मूँछें रखे तो तकलीफ
वो बाल न काटे तो तकलीफ
इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ़
वो जय श्रीराम का नारा लगाए तो तकलीफ
वो राम का नाम ना ले तो तकलीफ
वो चीन के राष्ट्रपति को झूला झुलाए तो तकलीफ
वो चीन पर हमला करे तो तकलीफ
इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ़
वो टीवी पर आए तो तकलीफ
न आए तो तकलीफ
वो तुम्हारे जवाबों के सवाल न दे तो तकलीफ
वो तुम्हारे सवालों के जवाब न दे तो तकलीफ
इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ़
वो हँसे तो तकलीफ, वो रोए तो तकलीफ
वो तुम्हारी परवाह न करे तो तकलीफ
इतनी क्यो जलती है तुम्हारी तशरीफ़
वो चीन पर प्रतिबंध लगाए तो तकलीफ
न लगाए तो तकलीफ
इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ़
वो तुम्हें कुछ ना कहे तो तकलीफ
वो तुम्हें ज़लील करे तो तकलीफ
वो तुम्हारे ज़ख़्मों को कुरेदे तो तकलीफ
वो तुम्हारे ज़ख़्मों को दुनिया को दिखाए तो तकलीफ
इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ़
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वो बोले तो तकलीफ
मौन रहे तो तकलीफ
वो कुछ करे तो तकलीफ
कुछ ना करे तो तकलीफ
इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ़
वो रॉफेल बुलाये तो तकलीफ
वो अपाचे, चुनुक बुलाये तो तकलीफ
वो सेना को साजोसामान दे तो तकलीफ
वो सैनिकों के साथ दीवाली मनाए तो तकलीफ
इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ़
तुम हो देश के गद्दार, बनकर बैठे थे शरीफ
उसने कर दिया है तुमको नंगा
अब ऐसे ही जलती रहेगी तुम्हारी तशरीफ़
हाँ जी।
मोदी फेंकू है।
1400 साल पुराना 3 तलाक फेंका
70 साल पुराना 370 फेंका
500 साल पुराना बाबर का कलंक फेंका
बोलो और क्या क्या फेंकवाना है ?
😎😎😎
माना अभी बच्चा है पर पप्पू हमारा सच्चा है।
तुम्हारे हिटलर फेंकू से तो कहीं गुना अच्छा है।